C लैंग्वेज का इतिहास – History of C Language in Hindi

 

C लैंग्वेज का इतिहास – History of C Language in Hindi

 

C Language एक कंप्यूटर programming लैंग्वेज है जिसका आगाज़ 50 साल पहले हुआ था। C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का प्रयोग सॉफ्टवेयर, डेटाबेस, कम्पाइलर, आदि बनाने में किया जाता है। अगर आप C लैंग्वेज सीखना चाहते है और एक अच्छा software developer बनना चाहते है तो C लैंग्वेज की हिस्ट्री जानना बहुत जरुरी है। इस article में हम जानेगे की C लैंग्वेज क्या है, history ऑफ़ C language, और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।

 

 

C लैंग्वेज क्या है?

 

C लैंग्वेज एक high level प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसे Dennis M. Ritchie ने 1972 में bell लैबोरेट्रीज में Unix ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाने के लिए बनाया गया था। C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में इंग्लिश के शब्दो का प्रयोग किया जाता है और ये एक user-friendly प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक multi-purpose लैंग्वेज है जिसका उपयोग किसी भी प्रकार का प्रोग्राम बनाने के लिए  किया जा सकता है। इसे structural प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी कहा जाता है क्योकि C लैंग्वेज में सरे कोड विभिन विभिन ब्लॉक व् ऊपर नीचे एक स्ट्रक्चर में organized होते है। जब कोई सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का कोर्स स्टार्ट करता है तो उसे सबसे पहले C language सिखाई जाती है क्यूँकि यह लैंग्वेज बाकि सभी दूसरी language का मूल आधार है। इसके बाद जो भी programming लैंग्वेजेज बनाई गयी उसमे C language का प्रयोग किया गया है।

 

History of C Language

 

C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का अविष्कार 1972 में डेनिस Ritchie के द्वारा AT & T लेबोरेटरी में किया गया था। C लैंग्वेज एक ऐसी language है जो सबसे पहले operating सिस्टम बनाने के लिए विकसित की गयी थी। समय के साथ उसका इस्तेमाल computer के प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर बनाने के लिए भी उपयोग में लाया गया। C language से पहले भी बहुत सारी लैंग्वेज मोजूद थी जैसे BCPL, B आदि। लेकिन इन languages में कुछ कमिया थी जिसे डेनिस Ritchie ने C लैंग्वेज में दूर कर दी थी।

 

Language

Year

Developed By

ALGO

1960

International Group

BCPL

1966

Martin Richard

Traditional C

1968

Ken Thompson

K & R C

1972

Dennis Ritchie

ANSI C

1978

Kernighan & Dennis Ritchie

ANSI/ ISO C

1989

ANSI Committee

C 90

1990

ISO Committee

C11

2011

Standardization Committee

C18

2018

Standardization Committee

 

 

 

Features ऑफ़ C Language

 

Simple Syntax: C Language को simple language इसलिए माना जाता है क्यूंकि इसका syntax बहुत हे सिंपल व् आसान होता है। C लैंग्वेज अलग अलग प्रकार की library को support करती है जिसकी वजह से प्रोग्रामिंग करना बहुत आसान होता जाता है। C में हम किसी भी प्रोग्राम को लिखने से पहले हमे header फाइल को लिखना होता है जो की पहले से बनाई गई functions और parameters की लाइब्रेरी होती है।

Procedural Oriented: C Language को Procedural लैंग्वेज भी कहा  जाता हैक्यूंकि C लैंग्वेज object – oriented के किसी भी feature को सपोर्ट नहीं करती। प्रोसीज़रल ओरिएंटेड लैंग्वेज में प्रोग्राम का एक्सेक्यूटिव top से bottom होता है जिसमे कॉम्पलैर टॉप से बॉटम तक प्रोग्राम को compile करता है।

Portable: C लैंग्वेज को portable programming लैंग्वेज भी कहते है क्यूंकि C लैंग्वेज में किया गया प्रोग्राम किसी भी device में execute हो सकता है। e.g. – अगर आपने windows 10 में C का एक प्रोग्राम किया है तो वही समान प्रोग्राम आप दूसरे windows 10 में run कर सकते है।

Rich Libraries: C Language बहुत सारी लाइब्रेरीज को सपोर्ट करता है। जिसकी वजह से प्रोग्रामर को प्रोग्रामिंग करने में बहुत आसानी होती है। C में सारी लाइब्रेरीज pre-defined होती है।

Pointer: C Language pointer को भी support करता है जिससे हम direct मेमोरी से जुड़ सकते है। इसलिए C लैंग्वेज का प्रयोग ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाने के कार्य में किया जाता है। पॉइंटर का इस्तेमाल किसी भी लोकेशन को पॉइंट करने के लिए किया जाता है।

 

C लैंग्वेज का Syntax

 

C लैंग्वेज सिखने के लिए सबसे पहले आपको C लैंग्वेज का syntax सीखना बहुत जरुरी है। इसका सिंटेक्स हम एक प्रोग्राम के जरिये सीखेंगे।

Programfor Sum of Two Numbers:

#include <stdio.h>

 

int main()

 

{


int number1 , number2, sum;


printf("enter two integers:");

scanf("%d %d", &number1, &number2);

 

// calculating sum


sum = number1 + number2;


printf("%d + %d = %d", number1, number2, sum);


return 0;


}

 

Output:

enter two integers:5

10

5 + 10 = 15

 

 

 

 

Post a Comment

0 Comments